मेरी दीवानगी की कोई हद नही,
तेरी सूरत के सिवा कुछ याद नही,
में हुँ फूल तेरे गुलशन का,
तेरे सिवा मुझपे किसी का हक नही…
मेरी दीवानगी की कोई हद नही,
तेरी सूरत के सिवा कुछ याद नही,
में हुँ फूल तेरे गुलशन का,
तेरे सिवा मुझपे किसी का हक नही…
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