आज वो अपने होकर भी बेगाने लगे,
करीब होकर भी दूर लगने लगे,
एक आह पे गिरते थे जिन के हजारों आँसू,
आज वो मेरे जख्मो पे मुस्कराने लगे…
आज वो अपने होकर भी बेगाने लगे,
करीब होकर भी दूर लगने लगे,
एक आह पे गिरते थे जिन के हजारों आँसू,
आज वो मेरे जख्मो पे मुस्कराने लगे…
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