हकीकत हो आप कैसे तुम्हे सपना कहुँ,
आपके हर दर्द को अब मै अपना कहुँ,
सब कुछ कुर्बान है मेरी जान तुझ पर,
कौन है तेरे सिवा जिसे मै अपना कहुँ…
हकीकत हो आप कैसे तुम्हे सपना कहुँ,
आपके हर दर्द को अब मै अपना कहुँ,
सब कुछ कुर्बान है मेरी जान तुझ पर,
कौन है तेरे सिवा जिसे मै अपना कहुँ…
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