क्या तारीफ़ करू आपकी,
हर लफ्ज़ में जैसे खुशबु हो गुलाब की,
रब ने दिया है इतना प्यारा दोस्त,
बस तमन्ना है एक मुलाकात की..
क्या तारीफ़ करू आपकी,
हर लफ्ज़ में जैसे खुशबु हो गुलाब की,
रब ने दिया है इतना प्यारा दोस्त,
बस तमन्ना है एक मुलाकात की..
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